अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो...........
हेर कदम पे लडखडा रहे हो...............
लिए साथ हजारो सपने .........................
तन्हा फिर भी हुए जा रहे हो......................
ढूंढ़ रहे जिसे एस बेगाने संसार में ........................
छोड़ उसे तो पहले ही आ रहे हो.................................
होकर उदास इस जीवन में............................................
गमो का समंदर बने जा रहे हो...................................................
निश्चल मुस्कान को छिपा कर ...........................................................
अपनी मासूमियत को मिटा रहे हो.............................................................
क्या सोच रहे हो...........................................................................
तुम किसी को अपना बनाते जा रहे हो.........................................................
नही हो तुम वो इंसान .................................................................
जिसे जानकर..............................................................................
कोई प्यार का सागर बना जा रहा हो........................................................
Tuesday, February 17, 2009
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